शनिवार, 1 जनवरी 2011

मंगल हो नया साल!

चंद अनाज के दाने,

दानों में गज़ब का स्वाद/
एक पैबंद लगी जेब,
जेब में सिक्कों की खनखनाहट/
छोटा सा घर,
और घर में ढेर सारा प्यार/
एक ख्वाब,
ख्वाब की कोमल तासीर/
कुछ अल्फाज़,
लफ़्ज़ों के बेहतर मायने/
नए रिश्ते,
रिश्तों के अटूट बंधन/
मुट्ठी भर आसमान,
और उन्मुक्त परवाज़/
नया साल आपके लिए
लेकर आये इतनी-सी थाती,
यही दुआ है!

4 टिप्‍पणियां:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…

मुट्ठी में आसमान

नववर्ष आप के लिए, आप के पूरे परिवार के लिए और आप के ब्लॉग पाठकों के लिए मंगलमय हो।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

itni pyari dua:)
bhagwan aapko sirf khushiyan de!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत रचना ...

नव वर्ष की शुभकामनाएँ

PN Subramanian ने कहा…

आपको नव वर्ष मंगलमय हो.