बुधवार, 15 अक्टूबर 2014

चाँद से चमक उठोगे एक दिन...

फ़िल्म अंखियों के झरोखे से का ये गीत (एक दिन, तुम बहुत बड़े बनोगे एक दिन) गुनगुनाते हुए सोच रही हूं कि वो एक दिन आता कब है?

जानते हो, वो एक दिन कभी नहीं आता।

वो एक दिन नहीं होता कि जिस दिन तुम्हारा कोई ख़्वाब अचानक पूरा हो जाता है। वो एक दिन कई रातों को जाग-जागकर ज़र्रा-ज़र्रा आबाद करने और ख़ुद को लम्हा-लम्हा बर्बाद करने से होता है।

वो एक दिन नहीं होता कि जिस दिन दुनिया को अचानक दूर उफ़्फक में तुम्हारे नाम का परचम लहराता हुआ दिखता है। वो एक दिन कई प्रकाश वर्षों तक धीमे-धीमे ख़ुद को मुसलसल जलाते-बुझाते रहने से होता है।

वो एक दिन नहीं होता कि जिस दिन तुम्हारी गुल्लक में ख़ुशियों के साथ-साथ सोने की गिन्नियाँ भी खनकने लगें। वो एक दिन अपने आंसुओं से मिट्टी को गीला कर-करके ज़िन्दगी की चाक पर कई बार उसे चढ़ाने, उसके टूट जाने का अफ़सोस बग़ैर मनाए नई मिट्टी को फिर से चढ़ाते रहने की लगातार कोशिशों से आता है। गुल्लक भी वैसे ही बनती है, और मिट्टी भी तभी सोना बनता है - कई सदियों-सी लंबी शामों के अथक इंतज़ार के बाद।

वो एक दिन नहीं होता कि जिस दिन ख़ुशियों की तितलियाँ कांधे पर उछलती-फिरती तुम्हारी मुट्ठियों में आ जाने को बेताब हो जाएँ। वो एक दिन वसंत के रूप में कई-कई सालों तक दिल के खेत में सरसों उगाने की मेहनत के बाद आता है। वरना दिल जब चाहे संग हो जाए, जब चाहे आंसुओं से बह जाए!

वो एक दिन नहीं होता कि जिस दिन तुम्हारी हैप्पी फ़ैमिली की तस्वीरें तुम्हारे घर की दीवारों पर मुस्कुराने लगती हैं। वो एक दिन कई सालों का लम्हा-लम्हा सब्र, क़तरा-क़तरा बलिदान, साँस-साँस भरोसे से आता है। उस दीवार में जुड़नेवाली ईंटें भी कई जन्मों की बचाई हुई उम्मीदों का प्रतिफल होती है।

जानाँ, वो एक दिन नहीं होता कि जिस दिन तुम्हारी किताब छप जाती है। तुम्हारी  फ़िल्म बन जाती है। वो एक दिन कई-कई सालों तक भीतर हर लम्हा पकते तजुर्बे से आता है। कई-कई सालों तक जिए हुए किसी रिसते हुए दर्द से आता है। जाने कितने जन्मों तक न कह पाने, न बता पाने, न बाँट पाने की बेचैनी से आता है।

वो एक दिन आएगा फिर भी, एक दिन!

6 टिप्‍पणियां:

पंकज शुक्ला ने कहा…

bahut khoob...Zindgi ka marm...

Neeraj Neer ने कहा…

सुंदर लेखन ॥

Jayshreekar ने कहा…

Behtareen Anu Mam. jaane apna wo ek din kis din aayega :)

rajiv ने कहा…

यूं ही कभी आएगा एक दिन..

rajiv ने कहा…

यूं ही कभी आएगा एक दिन..

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

रंजीता इस गाने को गा रही थी। यह वाकई उतना ही दिलचस्‍प था, जितना आपके द्वारा इस पर कही गई गहन बात है।