कल रात महाभारत की कहानी सुनते हुए पांच साल के बेटे ने पूछा, सिर्फ पांडव, कौरव और कृष्ण थे वहां? तो फिर लड़कियां कहां थीं? वाकई, महाभारत की नायिकाएं कहां थीं? गंगा, कुंती, गांधारी, द्रौपदी और सुभद्रा की तो कहानियां सुनीं, लेकिन बाकी नायिकाएं कहां थीं? महाभारत का बीज कहां से आया? दुर्योधन की पत्नी कैसी रही होगी? जीवनभर सारथिपुत्र कहलाने और दुर्योधन की आजीवन कृतज्ञता का बोझ ढोने को शापित कर्ण की पत्नी वृशाला को कैसा लगता होगा जब उसका पति पथ-पथ पर घोर उपहास का पात्र बनता होगा? वो कैसी पत्नियां रही होंगी कि एक ने साथ छोड़कर चले जानेवाले पति की मौत का उपहार मांगा होगा मातृऋण के बदले, तो दूसरी ने नागमणि का दान दिया होगा? वो कैसी पत्नी रही होगी जिसने अपने इकलौते पुत्र को युद्धक्षेत्र में भेजने में संकोच नहीं किया होगा - वो भी उस पिता के बुलावे पर जिसे बेटे ने देखा तक नहीं। महाभारत धर्म और अधर्म, जय और पराजय, विलास और संन्यास, महत्वाकांक्षा और अभिमान, सुरक्षा और भय, भोग और त्याग, युद्ध और शांति, कर्म और दुष्कर्म, जीवन और मृत्यु की महागाथा है। महाभारत उन भूली हुई नायिकाओं का शोक-गीत भी है जो अपने कर्मों को भोगने के लिए इस महागाथा के पन्नों का हिस्सा बनीं।
सत्यवती
ऊंची महत्वाकांक्षा
अप्रतिम सौंदर्य
केवट का घर
वृद्ध राजा का महल
देवव्रत के भीष्म
होने का फल
निष्फल पुत्र
अभिमान क्षुण्ण
मत्स्यगंधा, तुम
गंगा की लहरों पर ही सुरक्षित रहती!
हिडिंबा
प्रेम में समर्पण
विरह को अर्पित
जीवन-दर्शन
सुहाग में वैधव्य
पति को सर्वस्व
छिनी भाई की शान
किया कुरुक्षेत्र में
पुत्र का बलिदान
हे देवी हिडिंबा
तुम राक्षसी ही भली थी!
माद्री
ना कोई लिप्सा
ना ही प्रतिकार
ना मांग ही कोई
ना मिला वरदान
कुंती की छाया
अश्विनी की माया
पति का बाहुपाश
चिता की आग
ओ माद्री,
तुम्हें सती तो ना होना था!
भानुमति
सुयोधन की नायिका
दुर्योधन की संगिनी
दुःस्वप्नों का श्राप
पति के पाप
अधर्म का साथ
खलनायक का हाथ
द्रौपदी से डाह
इंद्रप्रस्थ की चाह
हे काशीकन्ये,
तुम्हें मोक्ष कैसे मिलना था!
चित्रांगदा
मणिपुर की रानी
वीरांगना, अभिमानी
अर्जुन हुए पस्त
रूप से मदमस्त
बब्रुवाहन बना नायक
अर्जुन-सा धनुर्धर
बेटे से वचन
पितृवध की कसम
हे अर्जुन पत्नी,
पति से ये कैसा बदला था?
उलुपी
नागों की कन्या
मोहक और रम्या
अर्जुन से नेह
दिया जीवन सस्नेह
नागमणि का मान
पति को प्राण-दान
अपेक्षाओं से किनारा
बेटे को संवारा
ओ उलुपी,
एक रात के बदले ऐसे बलिदान?
उत्तरा
विराट की बेटी
मत्स्यवंशी कन्या
नृत्य में प्रवीण
अभिमन्यु की प्रिया
कुरुक्षेत्र की धरोहर
कोख में विरासत
ब्रह्मास्त्र की सताई
नारायण की बचाई
ओ उत्तरी,
उस जीवन से कीमती विजय का कोई टुकड़ा ना था।
24 टिप्पणियां:
महाकाव्यीय चरित्रों का अच्छा निरूपण.
सब एक से बढ़कर एक , एक दूसरे से कितनी अलग ...
अद्भुत ..... इन नायिकाओं के चरित्र को बहुत खूबसूरती से उकेरा है
वाह एक बेहद उम्दा प्रस्तुति।
पौराणिक पात्रों की नवीनता की महक लिए प्रस्तुति!
वाह
लेखक भी तो सारे पुरुष ही रहे...विस्तार से नायकों की कहानियाँ ही लिखेंगे
पर अच्छा है..आनेवाली पीढ़ी...बिना स्त्री की भागेदारी के किसी घटनाक्रम की कल्पना कर ही नहीं सकती.
नायिकाओं के परिचय का अंदाज बढ़िया रहा...उन्होंने स्वेच्छा से अपनी जिंदगी जी ही नहीं...
एक साथ महाभारत की नायिकाओं के बारे में सुन्दर संकलन।
sundar..inmein se kuchh ki katha vistaar se pata nahin hai mujhe ..janni padegi
बहुत खूब! अच्छा सवाल, सुन्दर जवाब!
शायद आने वाले समय इन अनाम नायिकाओं के बारे में कोई लिखे।
बहुत सटीक लिखा है आपने, सच कहें को इस नायिकाओं के बारे में ज्यादा न तो पढ़ा और सुना था, न याद ही था, धन्यवाद ... it was worth knowing!
bahut hi badhiya post...best wishes
padhna zaaya nahi jaata is panne pe likha kuchh bhi...
अद्भुत....
सादर.
भूली हुई नायिकाओं की याद दिलाने के लिए ...शुक्रिया!!
भूली हुई नायिकाओं की याद दिलाने के लिए ...शुक्रिया!!
महाभारत की भूली नायिकाओं का लाज़वाब चित्रण...
आपका चिंतन काबिलेदाद................
BEAUTIFUL POST BASED ON MAHABHARATA
behatareen prastuti ke liye abhar
In sabhee upekshit nayikaon ke sath nyay karati rachnaen.
Bahut sunder.
बस एक शब्द "अद्भुत "
बहुत बढ़िया .......ऐसा तो कभी नहीं सुना पढ़ा ,जैसा आपने चित्रण किया है
एक टिप्पणी भेजें