tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post9157743610129980727..comments2023-10-06T18:06:09.288+05:30Comments on मैं घुमन्तू: उलझे रिश्तों को सुलझाने का जज़्बा!Anu Singh Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00504515079548811550noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-92036008604332567812013-01-31T07:01:52.035+05:302013-01-31T07:01:52.035+05:30संवेदनशील पोस्ट!संवेदनशील पोस्ट!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-59305371311877797502013-01-30T16:20:40.600+05:302013-01-30T16:20:40.600+05:30शिकायत करने का हक़ हमें इसलिए नहीं होता क्योंकि ज़...शिकायत करने का हक़ हमें इसलिए नहीं होता क्योंकि ज़िन्दगी की तरह प्यार भी किसी पर थोपा नहीं जा सकता lekin aap pya karte rahne ka hunar bachae rakhiye anuji.varshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-90084523814095896782013-01-30T09:35:02.703+05:302013-01-30T09:35:02.703+05:30रचने और सहेजने का फर्क. रचना, कदम-दर-कदम दिखती है,...रचने और सहेजने का फर्क. रचना, कदम-दर-कदम दिखती है, लेकिन सहेजते हुए जो सहज रच जाता है, उसका कोई मुकाबला नहीं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-56276383677190106652013-01-29T23:01:09.692+05:302013-01-29T23:01:09.692+05:30तो आद्या और आदित, बचाए रखने का हुनर सीखना होगा तुम...तो आद्या और आदित, बचाए रखने का हुनर सीखना होगा तुमको। तोड़ना आसान है, बनाना मुश्किल। चीखना-चिल्लाना आसान है, ख़ामोशी से रास्ता बनाना मुश्किल। लेकिन मुश्किलों की आंच पर जो पकता है, खरे सोने-सा होता है। उसके मन की शुद्धता इन्हीं मुश्किलों से होकर गुज़रते हुए निखरती है।<br /><br />चलते चलते आपने जीने का हुनर सिखला दिया Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-48459490784938938792013-01-29T22:50:29.354+05:302013-01-29T22:50:29.354+05:30पढ़ा मगर जुड़ नहीं पाया -पुरुष हूँ इसलिए शायद कोमल...पढ़ा मगर जुड़ नहीं पाया -पुरुष हूँ इसलिए शायद कोमल भावनाएं संप्रेषित नहीं हो पाती !:-( Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-19758896731980635662013-01-29T20:56:27.642+05:302013-01-29T20:56:27.642+05:30बीटिंग द रिट्रीट ऑन ब्लॉग बुलेटिन आज दिल्ली के वि...<a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/01/blog-post_29.html" rel="nofollow"> बीटिंग द रिट्रीट ऑन ब्लॉग बुलेटिन </a> आज दिल्ली के विजय चौक पर हुये 'बीटिंग द रिट्रीट' के साथ ही इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया ! आज की 'बीटिंग द रिट्रीट' ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.com