tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post8359817942531803655..comments2023-10-06T18:06:09.288+05:30Comments on मैं घुमन्तू: प्रायश्चितAnu Singh Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00504515079548811550noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-26544820015907721202011-10-15T19:49:19.026+05:302011-10-15T19:49:19.026+05:30आधी दूर तक तक तो यह predictable नहीं थी मगर सहसा ...आधी दूर तक तक तो यह predictable नहीं थी मगर सहसा अचानक हो गयी ....मगर परिवेश दृश्यांकन जोरदार हैArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-4900034590692591122011-10-14T06:57:24.086+05:302011-10-14T06:57:24.086+05:30एकदम ओ हेनरी स्टाइल का सब कुछ.एकदम ओ हेनरी स्टाइल का सब कुछ.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-28119806059863521142011-10-13T23:47:43.585+05:302011-10-13T23:47:43.585+05:30hmmm..
यहां मुंबई के एक कॉलेज में ब्लाइंड सेक्शन...hmmm..<br /><br /> यहां मुंबई के एक कॉलेज में ब्लाइंड सेक्शन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। मेरी आँखों पर पट्टी बांधकर छड़ी और आवाज के सहारे मुझे ऑब्सट्रक्शन के बीच चलने के लिये कहा गया। आँखें बंद कर मसालों में से काली मिर्च चुनने के लिये कहा गया, कपड़ों में से मिडियम, लार्ज, एक्सेल साईज चुनने के लिये कहा गया...औऱ भी कई क्रियाकलाप हुए मसलन आँखें बंद कर पीपली लाईव का अंश विशेष तरीके से दिखाया गया, आँखें बंद कर फुटबाल खेलाया गया औऱ होते होते दस पंन्द्रह मिनट के भीतर ही मेरा सारा वजूद जैसे धराशायी हो गया। पता चल गया कि विजूअली चैलेन्ज्ड या शारीरिक रूप से बाधित शख्स को किन मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ता है। <br /> बहुत दिलचस्प अंदाज में लिखी गई पोस्ट।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.com