tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post6301901551125340134..comments2023-10-06T18:06:09.288+05:30Comments on मैं घुमन्तू: रुदन का हंसना ही तो गानAnu Singh Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00504515079548811550noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-6304107782301886452014-02-12T15:36:16.796+05:302014-02-12T15:36:16.796+05:30वाकई कल सर्दी बहुत थी। शाम होते ही ठिठुरन बढ़ने लगी...वाकई कल सर्दी बहुत थी। शाम होते ही ठिठुरन बढ़ने लगी थी। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-91906487256473046872014-02-11T16:32:31.106+05:302014-02-11T16:32:31.106+05:30बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट प्रस्तुति, धन्यबाद .बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट प्रस्तुति, धन्यबाद .Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-39749317921330538172014-02-11T11:45:53.869+05:302014-02-11T11:45:53.869+05:30सुर ताल का अभेद सा भेद जब परत दर परत हटता है, जीवन...सुर ताल का अभेद सा भेद जब परत दर परत हटता है, जीवन बसंतमय होने लगता है ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-57391794362924219312014-02-11T11:05:11.645+05:302014-02-11T11:05:11.645+05:30 क्लान्त मन पर शीतल प्रलेप लगा जाते हैं ऐसे साधन... क्लान्त मन पर शीतल प्रलेप लगा जाते हैं ऐसे साधनालीन तन्मय क्षण!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-34995221036547557732014-02-11T08:50:03.841+05:302014-02-11T08:50:03.841+05:30कौन भला निर्लिप्त रहा है जीवन से,
कौन पार पायेगा अ...कौन भला निर्लिप्त रहा है जीवन से,<br />कौन पार पायेगा अपने ही मन से।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com