tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post5427663723550573041..comments2023-10-06T18:06:09.288+05:30Comments on मैं घुमन्तू: क्लायंट की बात, और सीख एक हज़ारAnu Singh Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00504515079548811550noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-27321976904523223332014-01-30T21:03:36.741+05:302014-01-30T21:03:36.741+05:30हाय रे हम बेचारे फ्रीलांसर :). और क्लाइंट अंग्रेज ...हाय रे हम बेचारे फ्रीलांसर :). और क्लाइंट अंग्रेज हो तो यह समस्या मीठी छुरी सी हो जाती है :)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-58020640409051762882014-01-29T10:51:36.916+05:302014-01-29T10:51:36.916+05:30स्वयं के मन से कार्य करने और दूसरे के मन से कार्य ...स्वयं के मन से कार्य करने और दूसरे के मन से कार्य करने में बहुत अन्तर है। सुबह उठकर जो मन करे वह लिखा जाये, या कुछ भी न किया जाये, बस बैठकर बाहर निहारा जाये।<br />आपको व्यस्तता से निपटने के लिये शुभकामनायें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com