tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post4541260440652466857..comments2023-10-06T18:06:09.288+05:30Comments on मैं घुमन्तू: गुमशुदा लोगों की यादAnu Singh Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00504515079548811550noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-39633264128510327642013-03-04T20:56:12.498+05:302013-03-04T20:56:12.498+05:30फेसबुक और जीमेल के इस ज़माने में भी कोई गुम हो जाय...फेसबुक और जीमेल के इस ज़माने में भी कोई गुम हो जाया करता है क्या?<br />दुःख तो इसी बात का है जिसे गुमनामीं के बियाबां में खोना होता है खो ही जाता है ,,,,,<br />मेरे कई इन्टरनेट मित्र देखते देखते गायब हुए हैं,अब कहाँ हैं कोई बताता ही नहीं :-(<br />इन दिनों आप भी नहीं दिखीं तो शक हुआ कि आप भी उन्ही अनजान राहों पर न बढ़ चली हो ..<br />मगर खुदा का लाख लाख शुक्र है आप सही सलामत दिख गयीं :-) आगे भी दिखती रहिये ,,,,फेसबुक<br />पर तो ढूँढा भी जा सकता है मगर जी मेल पर तो यह भी पास्बल नहीं है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-33728473354384952862012-04-10T20:14:47.489+05:302012-04-10T20:14:47.489+05:30चाहे कितना भी कुछ करलो साथ बस यादों को ही रह जाना ...चाहे कितना भी कुछ करलो साथ बस यादों को ही रह जाना है, इसलिए जिसका जितना साथ मिले बस कोशिश यह रहनी चाहिए की जितना बन सके उतना मधुर बना रहे....Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-85547638911475682422012-04-04T14:07:25.642+05:302012-04-04T14:07:25.642+05:30जाने कितने लोगों से मिले, वर्तमान में। जिसका जितना...जाने कितने लोगों से मिले, वर्तमान में। जिसका जितना साथ रहा, स्वीकार हो।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-54037414470921831662012-04-04T12:40:16.298+05:302012-04-04T12:40:16.298+05:30:(:(सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-61976619281303121722012-04-04T11:39:24.531+05:302012-04-04T11:39:24.531+05:30बिना विषय और मुद्दे के भी इत्ता लिखा जा सकता अरे य...बिना विषय और मुद्दे के भी इत्ता लिखा जा सकता अरे यही तो है क्रिएटिव रायटिंग ..कोई कोर्स वोर्स किया था क्या मैडम ? :)<br />आज तो पूरी तरह गृह विरही हो गयी हैं ..बोले तो नोस्टालजिक! और स्टाईल ऐसी की पूरी संक्रामक बन उठी है ..चलता हूँ ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com