tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post4360676653677593170..comments2023-10-06T18:06:09.288+05:30Comments on मैं घुमन्तू: बच्चे। हम सबके बच्चे।Anu Singh Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/00504515079548811550noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-21139267448718948012010-12-28T14:40:12.449+05:302010-12-28T14:40:12.449+05:30मेरे बच्चे मेरे लिए सबसे कीमती हैं। मेरे बच्चों जै...मेरे बच्चे मेरे लिए सबसे कीमती हैं। मेरे बच्चों जैसे बाकी बच्चे भी उतने ही कीमती हैं - हमारे लिए, हमारे समाज, हमारे देश के लिए। <br />अनु जी<br />नमस्कार !<br />आप के ब्लॉग पे पहली बार आने का सौभाग्य मिला , आप कि अभिव्यक्ति अच्छी लगी , दिल को छूने वाली . नमन !<br />साधुवाद .<br />सादर !सुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-22914783173199598832010-12-28T13:36:56.003+05:302010-12-28T13:36:56.003+05:30happy new year in advance...
kabhi aapka apne blo...happy new year in advance...<br /><br />kabhi aapka apne blog pe intzaar karunga...मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-59913190650166953242010-12-28T13:36:12.858+05:302010-12-28T13:36:12.858+05:30रेहाना ने चिढ़कर कहा-सपना क्या? यही करती हूं, यही ...रेहाना ने चिढ़कर कहा-सपना क्या? यही करती हूं, यही करते-करते मर जाऊंगी। कह दूं कि टीचर बनना चाहती हूं तो उससे क्या होगा? उसके साफगोई कानों में शीशे की तरह घुलती रही,<br /><br />kitna sach kaha rehana ne..........:(<br /><br />mann ko chhuti post....मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-36545978455425673812010-12-21T22:52:36.219+05:302010-12-21T22:52:36.219+05:30good post,
so u hav travelled a lot. nice observa...good post, <br />so u hav travelled a lot. nice observations.. may the child have his days.<br /><br />ManojManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-60821170687106516912010-12-20T23:16:01.386+05:302010-12-20T23:16:01.386+05:30बाल श्रम का एक और पहलू हमारे घरों में काम करने वाल...बाल श्रम का एक और पहलू हमारे घरों में काम करने वाले नौकर नौकरानियाँ भी हैं। बिहार यूपी जैसे इलाकों में ना ये वर्ग पढ़ पाता है। लड़कियों की कम उम्र में शादी हो जाती है। पति अक्सर पियक्कड़ और मारने पीटने वाले मिलते हैं। बचपन तो यहाँ भी पिसता है पर क्या हमारी मध्यमवर्गीय जिंदगी इनके बिना चल पाती है?<br /><br />बाल श्रम अशिक्षा, बढ़ती जनसंख्या और गाँवों में नवयुवकों के लिए रोजगार के कम होते अवसर और फिर हमारी बढ़ती संवेदनहीनता इन सारे पहलुओं से जुड़ा है। जब तक इन सभी पहलुओं पर एकीकृत ढंग से काम नहीं किया जाएगा ये समस्या ज्यों की त्यों बनी रहेगी।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-361816811593679767.post-85616938911366777592010-12-20T10:57:50.854+05:302010-12-20T10:57:50.854+05:30अनु जी ,
ये क्या कर रही हैं ? बेटे को दाँव पर मत ल...अनु जी ,<br />ये क्या कर रही हैं ? बेटे को दाँव पर मत लगाइये .जिसे न मानना हो न माने .सच्चाई में अपनी एक शक्ति है जो वाणी में ज़ोर भर देती है -वही स्वयं में प्रमाण है.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com